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कला उम्र की मोहताज नहीं
धनवंतरी नगर के रहवासी 81 वर्षीय शरद माधव आप्टे जो थर्माकोल से सुंदर कलाकृतियों का निर्माण करते हैं ने साबित कर दिया कि वाकई कला उम्र की मोहताज नहीं है। उनसे हुई बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह पेशे से इंजीनियर थे, जिस वजह से शुरुआत से ही वह ड्राइंग स्केचिंग का ज्ञान रखते हैं। 1989-90 में रिटायर होने के बाद एक दिन घर के बाहर पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले थर्माकोल को देख के उन्हें लगा कि क्यों न इससे कुछ बनाया जाए। इस तरह उन्होंने थर्माकोल को तराशकर एक सुंदरकृति बनाई। 22 सालों से वह अद्भूत आकर्षक कृतियां बना रहे हैं। लोगों द्वारा आर्डर पर सुंदर आकृतियां बनाने के साथ-साथ गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को भी सिखाते हैं।
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