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पुरुष और महिलाएं अलग-अलग ग्रहों से आए हैं
अंग्रेज़ी में एक कहावत है कि ‘मैन आर फ़्रॉम मार्स, वीमेन आर फ़्रॉम वीनस’ यानी पुरुष मंगल ग्रह से और महिलाएं शुक्र से आई हैं.यह शोध आठ से 22 वर्ष उम्र के क़रीब 1,000 बच्चों और युवाओं के ब्रेन स्कैन के अध्ययन पर आधारित है.
वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार की एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग) की मदद से मस्तिष्क के अंदर क्लिक करें न्यूरॉन्स की संरचनागत बुनावट की जांच की. इस नई तकनीक का नाम डीटीआई (डिफ्यूजिंग टेंसर इमेजिंग) है.
इस तकनीक ने मस्तिष्क के ‘ह्वाइट मैटर’ की मैपिंग करने को संभव बनाया. ‘ह्वाइट मैटर’ में केबल वायरिंग की तरह तंत्रिका तंतु होते हैं जिनमें त्रिआयामी संदेश होकर गुजरते हैं.
अध्ययन से पता चला कि मनुष्य के मस्तिष्क की संरचनागत बुनावट में बुनियादी लैंगिक भेद है.
एकाग्रता में महिलाएं आगे
शोधकर्ताओं के अनुसार, व्यवहार की जांच में प्रभावी लैंगिक भेद देखने को मिला.
एकाग्रता, शब्द एवं चेहरे याद रखना और सामाजिक बंधनों को याद रखने के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को काफ़ी पीछे छोड़ दिया.
पुरुष ‘स्थानिक’ क्षमताओं, मसलन सामंजस्यपूर्ण कार्रवाइयों के मामले में बेहतर दिखे.
वैज्ञानिकों ने 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में जो लैंगिक भेद चिन्हित किए थे, वो 14 से 17 वर्ष की उम्र में ज़्यादा प्रभावी हो गए.
मस्तिष्क के एक ख़ास हिस्से, जिसे सेरीबेलम कहते हैं, में उल्टी वायरिंग दिखी. पुरुषों में इस हिस्से में ज़्यादा कनेक्टिविटी दिखी जबकि महिलाओं इस हेमिस्फियर के अंदर ज़्यादा कनेक्टिविटी दिखी.
Source: BBC
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