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व्यक्ति की पहचान बातो से नहीं, उसके कर्मो से होती है – भैय्यु महाराज
जीवन जीने के कुछ सिद्दांत होते है ,मनुष्य के सिद्धांत जैसे जैसे है उसी से उसके स्वभाव की पहचान होती है !
स्वाभाव से ही जहा रावण की पहचान है वही दूसरी और मर्यादा पुरषोत्तम राम की ! जीवन में सुख चाहते हो ,शांति
चाहते हो तो सिद्दांत बनाओ क्योकि बिना सिद्दांत के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता !
सिद्दांत हमें कोन देता है ?…..एक माँ ही सिद्दांत ग्रहण करना सिखाती है
एक और जहा माँ सिद्धांत है तो वही दूसरी ओर पिता एक संघर्ष ! ये कहना है राष्ट्रसंत भैय्यु महाजन का जिन्होंने कल शाम अपने पिता विश्वासराव देशमुख के ८५ वे जन्मदिन पर अन्नंद मोहन माथुर सभागृह में कहा तथा कई उदाहरण देकर माता पिता की सेवा करने का सन्देश दिया इसी के चलते कैलाश पारुलेकर सर्वश्रेष्ट पिता होने के लिए सम्मानित किया गया श्री शरद पवार की अद्यक्षता में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ .जहा एक और अतिथियों का भाषण था वही दूसरी और शान ने शाम को खुशनुमा बना दिया कई गीतों के माध्यम से शांतनु मुखर्जी (शान) ने जनता का दिल जीत लिया. कार्यक्रम के दौरान शान भी अपने पिता को याद करते हुए भावुक हो गए साथ ही कुछ पंक्तियों के द्वारा अपनी भावना प्रकट की
खुशबु हु मै……..फूल नहीं जो मुरझाउगा
जब जब मोसम लहराएगा में आ जाऊंगा
शान ने फिल्मी गीतों से लेकर देशभक्ति तक के गीत गए. भैय्यु महाराज ने जहा माता पिता की सेवा करने का सन्देश देकर जहा शाम को रंगीन किया वही दूसरी और शान ने अपनी रंगारंग प्रस्तुति देकर रात को संगीतमय किया .
द्वारा ज्योति प्रजापति
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