तीज का पर्व राजधानी में धूमधाम से मनाया जा रहा है। विवाहिता स्त्रियों ने अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख समृद्धि के लिए तीज व्रत रखा, तो कुंवारी लड़कियों ने अच्छे जीवनसाथी की कामना के लिए व्रत रखा। तीज के मौके पर भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। यूं तो भारतीय महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और उनकी रक्षा के लिए वर्षभर कोई न कोई व्रत करती हैं। लेकिन, भादों महीने में मनाई जाने वाली तीज इन पर्वों में प्रमुख मानी जाती है।
तीज का है खास महत्व- देशभर में, खासकर उत्तरी हिस्सों में इन दिनों तीज पर्व की खूब चहल-पहल है। भादो महीने की शुक्ल पक्ष तृतीया को होने वाले इस त्योहार में नवविवाहिता दो प्रकार से व्रत रखती हैं। कुछ इसे निर्जला व्रत के रूप में रखती हैं और जल तक ग्रहण नहीं करतीं। वहीं, कुछ महिलाएं फलाहार भी करती हैं। व्रत का प्रारंभ सूर्योदय होने से पूर्व ही हो जाता है। सूर्योदय से पूर्व स्नान करके शिव-पार्वती की पूजा की जाती है।
शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है ये सबकुछ- इस दिन शिव चालीसा या पार्वती चालीसा के पाठ के साथ-साथ बेल पत्र, तीन पुष्प और जल में गंगा जल, गाय का दूध, दही, तुलसी दल डाल कर शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है। महिलाएं इस दिन उपवास रखकर रात को शिव-पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर इसकी पूजा करती हैं और पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं।
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