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FB और WhatsApp पर हो रहा सवालों का समाधान
हर दिन बदल रही टेक्नोलॉजी से कॉलेजों में पढ़ाई का ट्रेंड भी तेजी से बदल रहा है। यही वजह है कि बदलती आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग में टीचर्स भी पीछे नहीं है। छात्रों को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की जानकारी देने और पढ़ाने के लिए टीचर्स खुद को लगातार अपडेट कर रहे हैं। इस मामले में शहर का मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) और यहां के प्रोफेसर अन्य संस्थानों से काफी आगे निकल गए हैं।
बायोमेट्रिक मशीन का उपयोग शुरू- संस्थान में पुरानी पद्धति से रजिस्टर में अटेंडेंस लगाना बंद कर बायोमेट्रिक मशीन का उपयोग शुरू कर दिया गया है। इससे आगे बढ़कर मैनिट में सेल्फी से अटेंडेंस लगाने की तैयारी की जा रही है। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियर विभाग के एचओडी डाॅ. निलय खरे के अनुसार प्रोफेसर को एक स्मार्ट मोबाइल देने की तैयारी की जा रही है। क्लास में जाते ही यह स्मार्ट मोबाइल बारी-बारी से स्टूडेंट्स के पास जाएगा। स्टूडेंट्स इससे अपनी सेल्फी लेंगे। इससे पता चल जाएगा कि कौन सा स्टूडेंट क्लास में मौजूद था। इससे रजिस्टर में अटेंडेंस लगाने में जो पंद्रह मिनट खर्च हो जाते थे वो बचने लगे हैं।
प्रोफेसर भी शामिल है स्टूडेंट्स के फेसबुक और व्हाटसएप ग्रुप में- यही नहीं मैनिट के प्रोफेसर अब फेसबुक और व्हाट्सएप पर छात्रों के सवालों का समाधान करने लगे हैं। डॉ. खरे के अनुसार प्रोफेसर स्टूडेंट्स के फेसबुक और व्हाटसएप ग्रुप में शामिल हो गए हैं। इससे स्टूडेंट्स क्लास खत्म होने के बाद भी प्रोफेसर से अपने सवालों का समाधान कर रहे हैं। किसी सवाल को लेकर फेसबुक और व्हाटसएप ग्रुप में लंबी चर्चा होने लगी है।
सोशल साइट्स का यह एक बेहतरीन उपयोग- डॉ. खरे ने इसे सोशल साइट्स का यह एक बेहतरीन उपयोग बताया है। इसके साथ ही वर्चुअल क्लास के बाद अब मैनिट के प्रोफेसर और छात्र वर्चुअल लैब का भी उपयोग करने लगे हैं। टेक्नोलॉजी का ही उपयोग कर मैनिट में अब लैब असाइनमेंट सीधे सॉफ्ट कॉपी में ही जमा करायी जाने लगी है। इससे सीधे तौर पर कागज का उपयोग लगभग बंद हो गया है। डॉ. खरे ने बताया कि नोडल बनाकर प्रत्येक छात्र का एक अकाउंट खोल दिया गया है। छात्र अब अपने असाइनमेंट नोडल पर सबमिट कर देते हैं और प्रोफेसर कंप्यूटर पर ही असाइनमेंट चैक कर ग्रेड दे देते हैं। इससे छात्रों का एक डाटा बेस भी तैयार हो जाता है।
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