उज्जैन। 9 अक्टूबर से कार्तिक मास लगेगा। कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में तीन आरतियों का समय बदलेगा। नियमित होने वाली तीन आरतियों में समय मौसम के अनुरूप जल्दी देरी से की जाएगी। कार्तिक मास में लोग महीनेभर शिप्रा में स्नान कर दान-पुण्य करेंगे। महाकाल मंदिर के पुजारी ने बताया वर्ष में दो बार महाकाल की आरतियों के समय में बदलाव की परंपरा है। अभी आश्विन पूर्णिमा के अगले दिन 9 अक्टूबर से कार्तिक मास लगते ही भगवान की दिनचर्या में बदलाव होगा। रोज सुबह होने वाली दद्योदक एवं इसके बाद की भाेग आरती आधे घंटे देरी से की जाएगी। वहीं शाम को संध्या आरती मौसम ठंडा होने से आधे घंटे जल्दी होगी। यह समय फाल्गुन पूर्णिमा 6 मार्च तक चलेगा। श्री रामघाट क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष ने बताया कार्तिक मास में भगवान विष्णु का आराधना की जाती है। महिलाएं महीनेभर का शिप्रा स्नान करेगी। समापन 6 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होगा। स्नान कर महिलाएं तुलसी-सालिगराम का पूजन कर पंडितों को दान-पुण्य करेगी। ये रहेगा आरतियों का समय- आरतीअभी समय 9 अक्टूबर से, दद्योदकसुबह 7 से 7.45 सुबह 7.30 से 8.15, भोग आरती सुबह 10 से 10.45 सुबह 10.30 से 11.15, संध्या आरती शाम 7 से 7.45 शाम 6.30 से 7.15, भस्मारती-शयनआरती समय पर : महाकालकी नियमित होने वाली भस्मारती पूर्व निर्धारित समय तड़के 4 बजे शयन आरती रात 10.30 बजे से ही की जाएगी।
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