इंदौर. जिले में पहली से आठवीं तक के 94 स्कूल बिना मान्यता के चल रहे है वहीं 15 ऐसे स्कूल हैं जिन्हें मान्यता दिए जाने की अनुशंसा हो चुकी लेकिन जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय से मान्यता ही जारी नहीं की गई। इन स्कूलों की मान्यता क्यों रोकी गई, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्कूल संचालकों का कहना है जब सबकुछ ठीक है तो दो महीने से मान्यता क्यों अटका रखी है। जिले में पहली से आठवीं तक के 94 निजी स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। वहीं कुछ स्कूलों को जुलाई में मान्यता मिल जाना थी, लेकिन वहां अब तक विभागीय अधिकारियों ने निरीक्षण ही नहीं किया। संचालकों ने मान्यता नवीनीकरण करवाए बिना ही बच्चों को एडमिशन देकर पढ़ाई शुरू कर दी। आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत इन स्कूलों को तीन साल की मान्यता दी गई थी। जिन स्कूलों की मान्यता इस साल खत्म हो गई, उन्हें जुलाई तक नवीनीकरण करवाना था। आरटीई नियमों के तहत विकासखंड स्रोत समन्वयक को आठवीं तक के स्कूलों में निरीक्षण करना था। शहरी-ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों में निरीक्षण नहीं हुआ। ऐसी ही ढीलपोल रही तो सत्र बीत जाएगा और बिना मान्यता चल रहे स्कूलों का रिजल्ट भी आ जाएगा।
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