अब आप घर बैठे किसी भी प्राॅपर्टी (प्लाॅट, मकान, दुकान, कृषि भूमि आदि) का बाजार मूल्य जान सकेंगे। यही नहीं स्टाम्प डयूटी पंजीयन फीस के बारे में भी पता कर सकेंगे। यह संभव होगा ई-स्टाम्प ई-पंजीयन से। भरतपुरी स्थित रजिस्ट्रार कार्यालय से सोमवार से संपत्ति की ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू होगी। इससे स्टाम्प की कमी से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी। वहीं एक प्राॅपर्टी की दो बार रजिस्ट्री भी नहीं हो सकेगी। उज्जैन, सीहोर, टीकमगढ़ बालाघाट सहित प्रदेश के पांच जिलों में सोमवार से संपत्ति की आनॅलाइन रजिस्ट्री शुरू हो रही है यानि आपको स्टाम्प नहीं खरीदना पड़ेंगे। इस प्रक्रिया में दूसरे दिन ही रजिस्ट्री मिल जाएगी। अगस्त से इसे पांचों जिलों में ट्रायल आधार पर शुरू किया था। अब इसे पूरी तरह से शुरू किया जा रहा है। इसके तहत सर्विस प्रोवाइडर के पास यूजर आईडी रहेगा। आईडी कोड से स्टाम्प का भुगतान होगा और ऑनलाइन दस्तावेजों का पंजीयन होगा। इस प्रक्रिया में कागजी लंबी प्रक्रिया से बच सकेंगे। वहीं दस्तावेज लेखक इसकी जटिलता को लेकर विरोध कर कर रहे हैं। लाइसेंसधारीसर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता) से संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकेंगे। सर्विस प्रोवाइडर के पास यूजर आईडी होगा। स्टाम्प की राशि का उसके खाते से भुगतान हो जाएगा। यह राशि नगद रूप में संपत्ति का पंजीयन करवाने वालों से ली जाएगी। इसके बाद रजिस्ट्री करवाने वाले को समय दिया जाएगा। उसके मोबाइल पर मैसेज अाएगा। तय समय पर उसे पहुंचना होगा। रजिस्ट्रार कार्यालय में ही आपके गवाहों के फोटो खींचे जाएंगे। दूसरे दिन रजिस्ट्री मिल जाएगी। आपको वेबसाइट www.mpigr.gov.in पर जाना होगा। इस पर आपको यूजर रजिस्ट्रेशन करना होगा। आपको यूजर कोड मिलेगा, जिसके माध्यम से वह स्थान जहां आपकी संपत्ति है, उसका बाजार मूल्य पता कर सकते हैं। इसके लिए आपको शहर और संबंिधत स्थान का नाम डालना होगा।
आपको ये फायदे- छपेहुए स्टाम्प खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, ई-स्टाम्प से कार्य में आसानी होगी, कोड नंबर लॉक होने से फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी, लंबी दस्तावेजी कार्रवाई से बच सकेंगे, दूसरे ही दिन रजिस्ट्री उपलब्ध हो सकेगी, एक प्राॅपर्टी की दो बार रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी, आपकी संपत्ति का सही मूल्य पता चल सकेगा, स्टाम्प ड्यूटी, पंजीयन फीस पता कर सकेंगे।
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