इंदौर. नेक से ए ग्रेड पाने वाली देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी को एक के बाद एक दो झटके लग गए। पहले तो उसे स्वामी विवेकानंद चेयर से जुड़ने का मौका नहीं मिल पाया। दूसरी तरफ उसे यूनिवर्सिटी पोटेंशियल फॉर एक्सीलेंट के दर्जे की रेस से भी यूजीसी ने बाहर कर दिया। पिछले कुछ माह में लगातार उपलब्धियां हासिल कर रही यूनिवर्सिटी और खुद कुलपति प्रो. डी.पी. सिंह के लिए यह झटका है। अब देखना यह है कि अगले छह बड़े प्रोजेक्ट यूनिवर्सिटी को मिल पाते हैं या नहीं। कुलपति औैर उनकी टीम ने एक्सीलेंट के दर्जे के लिए 19 जनवरी को प्रेजेंटेशन दिया था। देशभर की सात यूनिवर्सिटी के कुलपति और उनकी टीम ने यूजीसी के समक्ष यह प्रेजेंटेशन दिया था।प्रेजेंटेशन में बताई थी उपलब्धियां प्रेजेंटेशन के दौरान कुलपति ने डीएवीवी की तमाम उपलब्धियां बताई थी। रिसर्च, नए कोर्स और प्लेसमेंट के बारे में भी बताया था। साथ ही डीएवीवी द्वारा पिछले सालभर में प्राप्त किए गए तमाम अचीवमेंट का भी जिक्र किया था। लेकिन अन्य यूनिवर्सिटी अन्य कई मामलों में डीएवीवी से आगे निकल गई। इसी कारण डीएवीवी को झटका लगा है
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