इंदौर. मौसम की सटीक भविष्यवाणी के लिए एयरपोर्ट पर लगने वाले वेदर डॉप्लर राडार की प्रक्रिया तेज हो गई है। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (मेट) ने बिल्डिंग बनाने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी से प्रस्ताव मांगा है। मौसम विभाग के अनुसार प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
देश के चुनिंदा शहरों में वेदर डॉप्लर राडार लगाना प्रस्तावित है, जिसमें इंदौर शामिल भी है। 2009 में इसकी मंजूरी मिली और इंदौर को पहले चरण में लिया गया था लेकिन प्रक्रिया शुरू हुई 2011 में जब मौसम विभाग ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को पत्र लिखा था। चूंकि एयरपोर्ट परिसर में इसे लगाया जाना था, तो प्रक्रिया में देरी हो गई। सूत्रों के अनुसार समय पर जमीन नहीं मिलने से यह प्रोजेक्ट दूसरे चरण में चला गया।
केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट को सीपीडब्ल्यूडी देख रहा है, इसलिए एनओसी का मसला अटका रहा। अब एक बार फिर मौसम विभाग ने कार्यवाही शुरू की है। मेट ने लिखा है कि बिल्डिंग बनाने में लागत बताएं और कब तक इसे बनाकर दे देंगे? मेट भोपाल के डायरेक्टर अनुपम कश्यपी कहते हैं कि प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू होगा।
ये होंगे फायदे
– वेदर डॉप्लर लगने से 300 किमी की रेडियस में बदलते मौसम की सटीक भविष्यवाणी मिल सकेगी।
– मौसम विभाग यह बता सकेगा कि किस क्षेत्र में कितने दिन बारिश की संभावना है।
– बादल या ओलावृष्टि की क्या स्थिति होगी।
– भोपाल में लगे डॉप्लर से नीमच व आसपास के जिले कवर नहीं हो पाते हैं। इंदौर के राडार से नीमच सहित उज्जैन, धार, झाबुआ, आलीराजपुर आदि की जानकारी मिल पाएगी।
अभी सिर्फ भोपाल में
प्रदेश के चार शहरों में वेदर डॉप्लर राडार लगना हैं। फिलहाल प्रदेश में एकमात्र वेदर डॉप्लर भोपाल में लगा है। यह शुरू भी हो गया है, हालांकि यहां बिल्डिंग पूरी तरह तैयार नहीं है।
पूर्वानुमान 95 प्रतिशत तक सही साबित
पहले 24 घंटे का पूर्वानुमान लगाया जाता था। भोपाल में वेदर डॉप्लर राडार लगने के बाद मौसम विभाग का पूर्वानुमान 95 प्रतिशत तक सही साबित हुआ है, जबकि पूर्व में 70 से 80 प्रतिशत सही रहता था।
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