प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में उद्योगों के विकास की योजना नए सिरे से बनाई जाएगी। शिक्षा और स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है। सभी स्कूलों को नियमों का पालन करना होगा।
यह कहना है इंदौर के नए कलेक्टर पी. नरहरि का। मंगलवार को हुई प्रशासनिक सर्जरी में 2001 बैच के आईएएस अधिकारी और ग्वालियर कलेक्टर नरहरि को इंदौर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इंदौर में उनकी दूसरी पदस्थापना है। इसके पहले वे निगम आयुक्त रह चुके हैं।

नरहरि ने कहा कि सवा नौ साल बाद इंदौर आ रहा हूं। इस दौरान काफी सारी चीजें बदल गई हैं। आने के बाद ही स्थितियों का वास्तविक आकलन कर कार्ययोजना बनाई जाएगी। इंदौर कलेक्टर रहे आकाश त्रिपाठी ने जिन योजनाओं को शुरू किया है, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। 2016 के सिंहस्थ का नजदीकी पड़ाव इंदौर ही रहेगा। उसके कार्यों को भी प्राथमिकता पर पूरा करने का प्रयास करेंगे। सीबीएससी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य उनके एजेंडे में सबसे ऊपर हैं। इस मुद्दे पर ग्वालियर की तरह इंदौर में भी नियमानुसार कार्रवाई जारी रहेगी।
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