
कैलिफोर्निया. गूगल ने अपने ऑर्गेनाइजेशन में दो बड़े फेरबदल किए हैं। पहला- भारतीय मूल के सुंदर पिचाई को कंपनी का नया CEO बनाया गया है। आईआईटीयन रहे सुंदर अब तक कंपनी में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट थे। दूसरा- गूगल ने नई पैरेंट कंपनी Alphabet बनाई है। इसी नई कंपनी के तहत अब सर्च इंजन काम करेगा। गूगल ने सोमवार रात ये एलान किए।
टेक वर्ल्ड में बढ़ी भारतीयों की पहुंच
सुंदर को गूगल के द्वारा सीईओ अप्वाइंट किए जाने के बाद दुनिया की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनियों में भारतीय मूल के लोगों की पहुंच और बढ़ गई है। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने भारतीय मूल के सत्या नडेला को कंपनी का सीईओ बनाया।
गूगल ने क्यों Alphabet बनाई?
गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज ने कहा- ‘हमारा मानना है कि टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में जब लगातार रिवॉल्यूशनरी आइडियाज़ आते हैं तो आपके लिए कामकाज का दायरा बढ़ाना जरूरी हो जाता है।’ पेज का इशारा इस ओर था कि चूंकि कंपनी अब सर्च इंजन के अलावा बाकी कई चीजों में इन्वेस्ट कर रही है, इसलिए गूगल से अलग एक पैरेंट कंपनी बनानी जरूरी है जो सभी तरह के ऑपरेशंस पर फोकस कर सके। यही सोचकर Alphabet बनाई गई है।
Alphabet और लैरी पेज का अब क्या राेल होगा?
Alphabet अब पैरेंट कंपनी होगी। लैरी पेज इसके इसके सीईओ होंगे। सर्गेई ब्रिन इसके प्रेसिडेंट होंगे। Alphabet के तहत गूगल की ये कंपनियां काम करेंगी-
– Alphabet के तहत सबसे बड़ी कंपनी गूगल सर्च इंजन ही होगी।
– गूगल की रिसर्च यूनिट एक्स लैब अब Alphabet के तहत काम करेगी। गूगल एक्स लैब ही सेल्फ ड्राइविंग कार, गूगल ग्लास और इंटरनेट बैलून टेक्नोलाॅजी पर काम कर रही है।
– इन्वेस्टमेंट यूनिट गूगल वेंचर्स भी Alphabet का हिस्सा होगी।
– गूगल के हेल्थ एंड साइंस ऑपरेशंस भी Alphabet के तहत काम करेंगे। इसके तहत अब तक गूगल ग्लूकोज़ सेंसिंग कॉन्टैक्ट लेंस जैसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही थी।
– गूगल ड्रोन डिलिवरी प्रोजेक्ट, फाइबर हाई स्पीड इंटरनेट, होम ऑटोमेशन यूनिट नेस्ट भी पैरेंट कंपनी के तहत आ जाएंगी।
– गूगल के सारे शेयर्स अपने आप Alphabet में कन्वर्ट हो जाएंगे।
गूगल के पास क्या बचेगा?
गूगल अब Alphabet की सब्सिडरी कंपनी होगी। सर्च एंड सर्च एड्स, गूगल मैप्स, जीमेल, ऐप्स, यूट्यूब, एंड्रॉइड और बाकी टेक्निकल इन्फ्रास्ट्रक्चर अब गूगल के तहत काम करेगा।
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