MP: टॉपर स्कूल से जुड़ेंगे कमजोर स्कूल के बच्चे
September 08, 2015
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प्रदेश में सरकारी स्कूलों का रिजल्ट सुधारने के लिए अब टॉपर स्कूलों के साथ फिसड्डी स्कूलों को जोड़ा जाएगा। इसमें एेसी चेन बनाई जाएगी कि फिसड्डी स्कूल टॉपर स्कूलों से सीख सकें और टॉपर स्कूल कम परिणाम वाले स्कूलों की मानीटरिंग कर सकें।
स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस नई व्यवस्था के हिसाब से काम करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत हर सरकारी स्कूल को अलग से एक स्कूल से कनेक्ट किया जाएगा।
इसमें टॉपर स्कूल की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने से कनेक्ट कम परिणाम वाले स्कूल का परिणाम सुधारने में मदद करे। इसके बाद हर तीन महीने में प्रगति का आकलन किया जाएगा।
हर जिले में स्कूलों का बाकायदा एक ग्रोथ चार्ट बनेगा। इसमें साठ प्रतिशत से ज्यादा परिणाम वाले स्कूलों के साथ 33 फीसदी से कम परिणाम वाले स्कूलों को जोड़ा जाएगा।
इसके अलावा एक पचास से साठ फीसदी परिणाम वालों के साथ 33 से चालीस फीसदी परिणाम वाले स्कूलों को जोड़ा जाएगा।
स्कूलों के रिजल्ट के आधार पर ही आगे चलकर शाला प्रमुख-प्राचार्य की रिपोर्ट बनेगी। बेहद खराब परिणाम वाले शाला प्रमुखों पर कार्रवाई भी होगी। इसी कारण सभी शाला प्रमुखों को रिजल्ट सुधारने के लिए कहा गया है। इसमें डी-ग्रेड वाले स्कूलों को विशेष रूप से परिणाम सुधारने की जरूरत जताई गई है।
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