
इंदौर। मूल्यांकन केंद्र में हुए बड़े फेरबदल के बावजूद व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। मंगलवार को जनसुनवाई में हमेशा की तरह मूल्यांकन संबंधी शिकायतों का अंबार रहा। अफसरों ने सभी शिकायतें संबंधित विभागों में भेजी।
प्रभारी कुलपति डॉ. अशोक शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी, डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्जवल खरे ने शिकायतें सुनी। बीडीएस के विद्यार्थियों ने थर्ड प्रोफ के रीवैल्यूएशन और रीव्यू के रिजल्ट की जानकारी मांगी। छात्रों ने कहा, हमें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। अफसरों ने जल्द रिजल्ट देने की बात कही तो छात्रों ने उन्हें फोर्थ प्रोफ के परीक्षा फॉर्म का हवाला दिया। छात्रों ने बताया, 28 नवंबर तक आवेदन की अंतिम तिथि है। अगर तीसरे प्रोफ की स्थिति ही स्पष्ट नहीं हुई तो चौथे की परीक्षा का आवेदन किस आधार पर करें?
पीजीडीसीए के विद्यार्थी परीक्षा फीस कम कराने की मांग लेकर पहुंचे। छात्रों ने कहा, डिप्लोमा कोर्स होने के बावजूद यूनिवर्सिटी साढ़े तीन हजार रुपए ले रही है, जबकि डिग्री कोर्सेस की फीस इससे कम रहती है। अधिकारियों ने निर्धारित प्रारूप की बात कही तो विद्यार्थियों ने बताया, सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद दो परीक्षाएं देना पड़ रही है।
इससे सिर्फ परीक्षा फीस ही सात हजार रुपए हो जाती है। बीबीए का छात्र राहुल पांचाल मां अंजूलता पांचाल के साथ पहुंचा। अंजूलता ने रिजल्ट नहीं मिलने पर अफसरों को खरी-खोटी सुनाई। अफसरों ने पिछली परीक्षाओं का रिकॉर्ड मांगा तो छात्र उपलब्ध नहीं करा सका। छात्र को पूर्व में मिली अंकसूचियां लाकर लिखित आवेदन देने को कहा है।
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