
इंदौर। भारतीय फलों के मुकाबले विदेशी फल महंगे होने के बावजूद लोगों की पहली पसंद बन गए हैं। विदेशी फलों में खासकर सेब काफी पसंद किया जा रहा है। शहर में सेब, नाशपाती, आलूबुखारा व लाल अंगूर जैसे विदेशी फलों की ज्यादा डिमांड है। मार्केट और स्टोर में चुनिंदा विदेशी फलों की ही बिक्री की जा रही है। पिछले एक साल में विदेशी फलों की मांग दोगुनी से ज्यादा बढ़ी है।
शादी के दौरान विदेशी फलों टोकरी 5 हजार या उससे भी ज्यादा में भर रही है। इसमें न्यूजीलैंड की कीवी, ऑस्ट्रेलियन सेब, कैलीफोर्निया का अंगूर, अरब का खजूर शामिल है।
विदेशी फलों के दाम भारतीय फलों से तीन गुना ज्यादा हैं। भारतीय सेब 100 रुपए, जबकि विदेशी सेब की कीमत 200 रुपए किलो से अधिक है। कुछ आयातित फल ऐसे हैं, जिनकी कीमतें 300 से 400 रुपए प्रति किलो तक है। इसके बावजूद एक साल में विदेशी फलों का कारोबार दोगुने से ज्यादा हो गया है। विदेशी मिनी संतरा भी 380 से 400 रुपए किलो के भाव बिक रहा है, जबकि ड्रैगन फूड का भाव 350 रुपए किलो है। इसी तरह अन्य विदेशी फल भी काफी महंगे हैं। वहीं शादियों के सीजन के बाद अब घरों में भी विदेशी सब्जियों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। इसमें ऑइसबर्ग पत्ता,चेरी टेमेटो,स्नो पीस,आवाकाडो,पासली, जुगनी, ब्रोकली,सालरी,चाइनीज केवेज और थाई जिंजर जैसी विदेशी सब्जियां शामिल हैं।
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