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रवीन्द्र नाट्य गृह में तीन दिवसीय राग अमीर की शुरुआत
इंदौर.मंगलवार की शाम रवीन्द्र नाट्य गृह में संस्कृति विभाग और उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राग अमीर की शुरुआत उस्ताद आशीष खां के सरोद वादन से हुई। सरोद वादन के बाद दूसरी सभा में पं. अजय पोहनकर का शास्त्रीय वादन हुआ।
रवींद्र नाट्यगृह में खूबसूरती से सजाए मंच पर उस्ताद आशीष खां काफी देर तक साउंड सिस्टम से परेशान रहे। आधे घंटे की कश्मकश के बाद सिस्टम से तालमेल बन पाया। उन्होंने सबसे पहले रागश्री चुना जो संधि प्रकाश के नाम से जाना जाता है। इस राग में आलाप, जोड़, झाला के बाद तीन ताल में विलंबित और द्रुत लय बजाई। तबले पर संगत कर रहे हिमांशु महंत ने शुरुआत को छोड़कर बाद में अच्छी संगति की। रागश्री के बाद उन्होंने राग किरवानी बजाया। उस्ताद ने बताया, कर्नाटक संगीत के इस राग को उनके पिता अली अकबर खां और पं. रविशंकर ने उत्तर भारतीय संगीत में शामिल किया है। इस राग को उन्होंने काफी विस्तार देते हुए श्रोताओं को आह्लादित किया।
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