- 'No new videos.'
चित्रों के माध्यम से दिखाया इंदौर का 300 साल का सफर
शहर के 300 साल के इतिहास की जानकारियों को विभिन्ना दस्तावेज, पत्र और चित्रों के माध्यम से शुक्रवार को प्रदर्शित किया गया है। तीन दिनी स्थापना दिवस के दूसरे दिन बड़ा रावला जूनी इंदौर में प्रदर्शनी की शुरुआत बिड़वाल राजपरिवार के ठाकुर नरेंद्रसिंह बिड़वाल और डेली कॉलेज के प्राचार्य कुं. सुमेरसिंह ने की। प्रदर्शनी में तथ्यों की पृष्टि करते गवर्नर जनरल सर जान मेलकम और द फर्स्ट निजाम पुस्तक के पृष्ठ भी प्रदर्शित किए गए हैं। उपलब्ध दस्तावेजों की मानें तो अहिल्याबाई अपने पूरे शासनकाल के दौरान सिर्फ एक बार इंदौर आई थीं। उनके कार्यकाल में महेश्वर राजधानी थी। 12 अक्टूबर 1731 को धार के त्रिरला मुगल और होलकर का युद्ध हुआ था।
प्रदर्शनी में 150 साल पुराना हाथ से चलने वाला कैमरा भी प्रदर्शित किया गया है। राव राजा छत्रकर्ण 50 किलो वजनी गरनाल, जिसे वे गले में डालकर कसरत करते थे, की जानकारियां भी दी गई हैं। होली में इस्तेमाल की जाने वाली पीतल की पिचकारी, शाही पालकी, घोड़ा पालकी, शिकार गाड़ी, पुरानी तोप, तलवार, हाथी, घोड़े के चांदी के आभूषण भी प्रदर्शित किए गए हैं।
Leave a Reply