
इंदौर. हेयर एक्सटेंशंस यानी असली बालों के साथ नकली बालों का इस्तेमाल। ये विग नहीं है बल्कि एक्सटेंशंस हैं जो असली बालों से ही बने होते हैं। देखने में मालूम ही नहीं पड़ता है कि कौन से बाल नकली हैं और कौन से असली।
किसी के कटे हुए असली बालों को कीटाणु मुक्त करने के लिए उन्हें प्रोसेस किया जाता है। हेयर एंड ब्यूटी एक्सपर्ट पम्मी चावला ने बताया कि बालों को प्रोसेस करने के लिए चाइना, सिंगापुर आदि भेजते हैं। साथ में ग्राहक के बालों का सैंपल भी भेजा जाता है ताकि उनकी पॉलीशिंग इस तरह हो कि वह ग्राहक के असली बालों जैसे लगे। इन सब पर 20 से 50 हजार तक का खर्च आता है।
चावला बताती हैं कि हेयर एक्सटेंशंस के कई तरीके हैं। एक्सटेंशंस को खास तरह के न दिखने वाले क्लिप्स के जरिए भी लगाया जा सकता है। ये सबसे आसान तरीका है और इन क्ल्पिस को कभी भी निकाला जा सकता है। अक्सर पार्टीज में जाने के लिए कम समय में इनका प्रयोग किया जाता है। अगर 4-6 महीने के लिए एक्सटेंशन चाहिए तो फिर केरेटिन बांड का यूज किया जाता है। इसमें नकली बालों के टिप पर केरेटिन लगा होता है। इसे असली बालों के साथ मिलाकर केरेटिन को गर्म रॅाड से हल्का सा पिघला दिया जाता है, जिससे एक्सटेंशन असली बालों के साथ चिपक जाते हैं। बाल धोने पर भी ये निकलते नहंी हैं। तीसरा तरीका सिलाई जैसा है, जिसमें असली बालों के साथ नकली बालों को दो कपड़ों की सिलाई की तरह जोड़ जाता है।
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