
आखिर वह दिन आ ही गया, जिसका 12 सालों से इंतजार था। अमृतमयी मोक्षदायिनी शिप्रा में शुक्रवार सुबह शंकराचार्य और नागा साधुओं के शाही स्नान के साथ सबसे बड़ा धार्मिक मेला शुरू हो गया।सबसे पहले पंच दशनाम जूना अखाड़ा, पंचायती आवाहन अखाड़ा और पंचायती अग्नि अखाड़े के साधु-संतों ने दत्त आखाड़ा घाट पर सुबह 6 बजे स्नान किया।अल सुबह पांच बजे से शंकराचार्य और अखाड़ों के प्रमुख साधु-संत पारंपरिक रूप से रथ पर सवार होकर शिप्रा तट पर पहुंचे।श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा (दत्त अखाड़ा) बड़नगर उज्जैन- यह अखाड़ा स्नान के लिये भेरूपुरा, हनुमानगड़ी, शंकराचार्य चौक होते हुए छोटीरपट, केदारघाट, एवं दत्तअखाड़ा घाट पहुंचा।वैष्णव अखाड़े और अणि अखाड़े के साधु संत भी शिप्रा तट पर पहुंचर शाही स्नान किया।स्वामी अवधेशानंद, पाइलट बाबा, महामंडलेश्वर शिवांगीनद और पंडित जसराज ने भी स्नान किया।पाइलट बाबा के साथ विदेशी भक्त भी शाही स्नान के लिए पहुंचे थे।सुबह 7.25 पर निरंजनी अखाडा शंकराचार्य चौराहे से आगे बढ़ा।सभी अखाड़ों के साधु-संत पारंपरिक शोभयात्रा के साथ शिप्रा तट की ओर बढ़ते रहे।
Leave a Reply