गुजरात जिसे बीजेपी का लैब खा जाता है ,और नरेन्द्र मोदी का अड्डा lयानि गुजरात और मोदी दोनों एक दुसरे के पर्याय है , लेकिन ये बात वर्तमान में साबित होते नही दिख रही हैl वर्तमान चुनाव ने कांग्रेस मुक्त भारत को पूरी तरह से नकार दिया है, साथ ही जनादेश से ये भी जता दिया है कि अपने को जनता से बड़ा और जनता को मूर्ख मत समझो , अन्यथा परिणाम सामने है l
यदि अपने जनता से कुछ वादे किये है, तो चुनाव जीतने के पश्चात् उस पर ईमानदारी से अमल करो, न कि जुमलो का अमलीजामा पहना कर जनता को मूर्ख बनाओ l
चुनाव में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुददा रहता है लेकिन लगता है भ्रष्टाचार के दीमक को बीजेपी भी अलग नही कर पायी और वो भी उसी में समाहित हो गयी l
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