8 to 80 के फ़ॉर्मूले पर बसे शहर जहाँ बच्चे व बुजुर्ग बेख़ौफ़ टहल सके
विदेशी आर्किटेक्ट लाना और बुजुर्गों के अनुभवों का फ़ायदा न उठाना
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सलाहकार वाह आर्किटेक्ट इस smart city project की दो बढ़िया खामियां बतायी, उन्होंने बताया पहले कभी यह कि हम अपने शहरों की planning विदेशी आर्किटेक्ट से करा रहे हैं,
उनका नाता ही क्या है हमारे शहरों से,उनके लिए तो ये बस एक साईट है , ना ही वो आम आदमी की वो की समस्याओं से वाक़िफ़ हैं यहाँ की आबो हवा के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता वहीं दूसरी ख़ामी यह है कि हम अपने शहरों के लिए बाहरी राज्यों के ब्यूरोक्रेट से सलाह ले रहे ये कितना आप व्यवहारिक हैl
इसके बजाए शहर के उन्हें प्रभुत्व बुजुर्गों से बात करें जो वर्षों से शहर में रह रहे हैं और उनकी नब्ज़ समझते हैं project की गाइडलाइन project की यह कहती यह कहती है कि जिस शहर में जो निर्माण हो रहा है वो public ओपीनियन शहर के वरिष्ठ बुद्धिजीवी और वहाँ के आर्किटेक्ट्स को साथ में रख किया जाए l
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