ये किसी साइंस फिक्शन फिल्म जैसी बात लग सकती है, लेकिन दुनिया में लाखों लोग इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और ये तकनीक जल्द ही आपके घरों तक पहुंच सकती है.
अमरीका और ब्रिटेन जैसे देशों में ऐसी मशीनें हैं जो डिजिटल वॉइस असिस्टेंट तकनीक से लैस हैं और ये तकनीक इन देशों में कई घरों तक पहुंच चुकी है.
अमेजन ऐसी पहली कंपनी है जिसने ईको और डॉट नाम के स्पीकर लॉन्च किए हैं जिनमें एलेक्सा नाम के वॉइस इंटरफेस की सुविधा है.
अगर आप एलेक्सा से आज के मौसम, समोसा बनाने की रेसिपी और सुबह की बड़ी ख़बरें जैसे सवाल करें तो आपको ये जवाब मिल सकते हैं.
अमेज़न बीते साल भारत के बाजार में ये स्पीकर उतार चुकी है. अब गूगल भारत में गूगल होम नाम की ऐसी ही सेवा उतार रहा है.
वॉइस इंटरफेस की दुनिया
हाल ही में एक्सेंचर नाम की कंपनी ने एक सर्वे किया था. इस सर्वे में पता चला कि भारत में डिजिटल वॉइस असिस्टेंट डिवाइसों की मांग दुनिया के दूसरे देशों की अपेक्षा ज़्यादा है.
- साल 2018 के अंत तक भारत, चीन और अमरीका की एक तिहाई आबादी तक वॉइस एक्टिवेटेड डिवाइसें पहुंच सकती हैं.
- इंटरनेट पर मौजूद 39 फीसदी भारतीय कहते हैं कि वे इस साल एक वॉइस इंटरफेस वाली डिवाइस खरीदेंगे.
- साल 2017 में अमरीका में 45 मिलियन ऐसी डिवाइसें खरीदी गई थीं.
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कैसे काम करती हैं ये डिवाइसें?
अमेजन और गूगल की डिवाइसें दरअसल छोटे-छोटे स्पीकर हैं जो आपके घर के वाई-फाई से कनेक्ट हो जाते हैं.
पहली बार शुरू होने के बाद इन डिवाइसों को सेट-अप की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसमें डिवाइस आपसे कुछ कमांड्स देने का अनुरोध करती है ताकि वह आपकी आवाज़ सुनकर पहचान सके.
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