इंडियन एक्सप्रेस अख़बार की ख़बर के मुताबिक जब सीबीआई के निदेशक अलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया तब उनके पास सात महत्वपूर्ण मामलों की फ़ाइलें थीं.
इसमें रफ़ाल सौदा, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में रिश्वत का मामला, कोयले की खादानों के आवंटन के मामलों की फ़ाइलें शामिल हैं जिन पर काम चल रहा है. ये हैं वो सात मामलेः-
- अख़बार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि रफ़ाल फ़ाइटर प्लेन सौदे के मामले में शिकायत की जांच प्रक्रिया चल रही है और इस बारे में निर्णय लिया जाना है. आलोक वर्मा को 4 अक्तूबर को बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने 132 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी.
- मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया में भ्रष्टाचार के मामले में उच्च स्तर पर मौजूद लोगों की भूमिका की जांच चल रही थी. इसमें उड़ीसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दुसी का भी नाम था. सूत्रों के अनुसार कुद्दुसी के ख़िलाफ़ चार्जशीट तैयारी कर ली गई थी और उन पर अलोक वर्मा के दस्तख़त होने बाकी थे.
- इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस एन शुक्ला का मामला जिसमें उन्हें मेडिकल सीटों पर ऐडमिशन में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते छुट्टी पर भेज दिया गया था. सूत्रों के अनुसार इस मामले में प्राथमिक जांच पूरी कर ली गई थी और सिर्फ़ आलोक वर्मा के हस्ताक्षर की ज़रूरत थी.
- एक और मामले में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के सीबीआई को सौंपे वो दस्तावेज़ शामिल हैं जिनमें उन्होंने वित्त एवं राजस्व सचिव हंसमुख अधिया के ख़िलाफ़ शिकायत की है.
- कोयले की खदानों के आवंटन मामले में प्रधानमंत्री के सचिव आईएएस अधिकारी भास्कर खुलबे की संदिग्ध भूमिका की सीबीआई जांच की जा रही थी.
- नौकरी के लिए नेताओं और अधिकारियों को रिश्व देने के संदेह में दिल्ली आधारित एक बिचौलिये के घर पर छापा मारा गया था. इस मामले की भी जांच चल रही है.
- इसके अलावा संदेसरा और स्टर्लिंग बायोटेक के मामले की जांच पूरी होनी वाली थी. इसमें सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की कथित भूमिका की जांच की जा रही थी.
आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को बुधवार देर रात सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया. लेकिन आलोक वर्मा ने इसका विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
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