मंगलवार की सुबह अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर साफ़ कर दिया कि उनके निशाने पर केवल चीन ही नहीं है बल्कि भारत भी है. लेकिन ट्रंप की नीतियों के कारण भारत और अमरीका के बीच एक साल से तनाव है.
ट्रंप ने मंगलवार को ट्वीट किया कि भारत अमरीकी उत्पादों पर भारी टैक्स लगा रहा है. इसे लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ट्रंप ने चीन के साथ ट्रेड वॉर की शुरुआत की थी तो इसी तरह के दावे किए थे.
पिछले महीने भारत ने अमरीकी उत्पादों पर टैक्स लगा दिया था और यह भारत की जवाबी कार्रवाई थी. अमरीका ने एक जून को भारत को कारोबार में दी विशेष छूट वापस ले ली थी और कहा था कि इसके ज़रिए भारत अमरीकी बाज़ार में 5.6 अरब डॉलर का सामान बिना टैक्स के बेच रहा था.
हालांकि दुनिया भर का ध्यान केवल अमरीका और चीन के ट्रेड वॉर पर है. दूसरी तरफ़ ट्रंप प्रशासन 2018 से ही भारत के साथ कारोबारी टकराव के रास्ते पर है. मार्च 2018 में जब ट्रंप ने इस्पात और एल्युमिनियम के आयात पर टैक्स लगाने की घोषणा की तो इसका असर भारत समेत कई देशों पर पड़ा.
पीटरसन इंस्टि्यूट फोर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के एक विश्लेषण के अनुसार भारत से 76.1 करोड़ डॉलर के एल्युमिनियम के आयात पर 25 फ़ीसदी का टैक्स लगा और 38.2 करोड़ डॉलर के आयात पर 10 फ़ीसदी टैक्स लगा.
मार्च में ही ट्रंप प्रशासन ने एक और फ़ैसला किया जिससे भारत को ट्रेड एक्ट ऑफ 1974 के तहत मिली विशेष छूट को ख़त्म कर दिया. ट्रंप प्रशासन का तर्क था कि भारत अमरीकी उत्पादों को अपने बाज़ार में बराबर और उचित पहुँच नहीं दे रहा है इसलिए यह फ़ैसला लिया गया.
ट्रंप प्रशासन का यह फ़ैसला एक जून से लागू हो गया. इसका मतलब ये था कि भारत भी कोई जवाब कार्रवाई करेगा. भारत ने भी कुछ ख़ास अमरीकी उत्पादों पर टैक्स लगा दिया. ट्रंप के फ़ैसले से भारत से निर्यात होने वाले 5.6 अरब डॉलर के कारोबार प्रभावित हो रहे हैं.
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