कैलाश खेर ने ‘कैलासा बैंड’ के साथ रविवार को भोजपुर में आयोजित तीन दिनी ‘भोजपुर उत्सव’ में दी संगीतयम प्रस्तुति। भोजपुर शिव मंदिर प्रांगण के मुक्ताकाश मंच के बैक-ड्रॉप पर नटराज और आगे कैलाश खेर। रात 9 बजे बेस ड्रम की जोरदार धमक और वायलिन की लंबी तान के साथ भोजपुर में कैलाश के सुर गूंजना शुरू हुए। अभी कैलाश दिखाई नहीं दे रहे थे और श्रोता उनके फस्र्ट-लुक के लिए बेकरार थे।
कुछ क्षणों बाद ‘मैनूं पिया मिलन की आस..’ अल्फाजों को अपनी आवाज देते हुए वे मंच पर आए। कैलाश ने कहा, ‘यहां पूरी धरती ही शिवमय लग रही है और मैं भी गलती से कैलाश ही हूं!’
कैलाश ने ‘आओ जी..’, ‘दिलरुबा..’, ‘तेरे बिना नई लगता दिल..’, ‘पिया के रंग..’, ‘तेरी दीवानी..’ और ‘तू जाने ना..’ जैसे गीतों से संगीत संध्या को सजाया। इसके बाद श्रोताओं को देर रात तक कैलाश के कंठ से कई सुपरहिट गीत सुनने को मिले।
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