मन में विश्वास और दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो हालात कितने ही मुश्किल क्यों न हों, कामयाबी एक दिन कदम चूमती ही है। यह साबित किया है 23 साल के न्यूजपेपर हॉकर एन. शिवा कुमार ने। शिवा अब हर सुबह साइकल पर अखबार रख घरों में डालते नहीं, बल्कि प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल आईआईएम (कलकत्ता) में एमबीए की पढ़ाई करते नजर आएंगे।
शिवा की कामयाबी की यह कहानी दिलचस्प है। शिवा के माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं हैं। पिता ट्रक चलाते हैं। चार सदस्यों के उनके परिवार में हमेशा पैसों की तंगी बनी रहती। ऊपर से पिता पर कर्ज का भी बोझ। घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए शिवा ने छठी क्लास से ही न्यूजपेपर हॉकर का काम शुरू किया।
Leave a Reply