वर्षो से मीडिया ने किसी भी देश की दशा एवं दिशा को निर्धारित करने में अहम भूमिका अदा की है और मीडिया ने इतिहास से लेकर तकनीकि तक सही विषयों को अपने अनुसारजनता के सामने रखा है। यहदेश ही नहीं अपितु विश्व के कई देशों का दुर्भाग्य रहा है कि मीडिया हाउसेस कुछ बड़े घराने के हाथ में रहे हैं और जिसके कारण इन्होंने हमेशा सत्ता को अपने अनुसार चलाया है।
ज्यादातर मीडिया हाउसेस किसी विशेष कम्युनिस्ट विचाराधारा से प्रेरित होकर मुद्दों को अपने अनुसार प्रस्तुत किया है जिससे कि दूसरे विचाराधारा से जुड़े लोगों से असहमति नजर आती रही है।
किंतु आज तकनीकि उन्नति से सोशल मीडिया हर हाथ में पहुंच चुका है, जिससे हर कोई अपनी विचारधारा को अभिव्यक्त कर सकता है।
सोशल मीडिया ने समाज में अपनी एक पैठ बनाई है, जिससे सत्ता के गलियारों में बैठे चंद लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्योंकि अब समाचार केवल शब्दों तक ही सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि हर कोई उसके तथ्यात्मक पहलू जानना चाहता है। फेसबुक, यू ट्यूब एवं ट्विटर जैसे अनेकों सोशल साइट्स में करोड़ों लोग प्रतिदिन अपनी प्रतिक्रिया देते हैं, अत: पारम्परिक मीडिया भी अब इस बात को ध्यान देने लगा है। आने वाले दिनों में सोशल मीडिया सरकार एवं समाज दोनों ही निर्णय में अहम भूमिका अदा करेगी।
दिलीप अवस्थी की कलम से…..
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