
इसे सजाने की परंपरा जर्मनी में दसवीं शताब्दी के बीच शुरू हुई और इसकी शुरुआत करने वाला पहला व्यक्ति बोनिफेंस टुयो नामक एक अंगरेज धर्मप्रचारक था। इसके बाद अमेरिका के एक आठ साल के बीमार बच्चे ने क्रिसमस पेड़ को अपने पिता से सजवाया तब से क्रिसमस ट्री को रंग-बिरंगी बत्तियों, फूलों और कांच के टुकड़ों से सजाया जाने लगा।
क्रिसमस ट्री की कथा है कि जब महापुरुष ईसा का जन्म हुआ तो उनके माता-पिता को बधाई देने आए देवताओं ने एक सदाबहार फर को सितारों से सजाया। कहा जाता है कि उसी दिन से हर साल सदाबहार फर के पेड़ को ‘क्रिसमस ट्री’ प्रतीक के रूप में सजाया जाता है।
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