
अब तक पर्यावरण केवल गैर तकनीकी छात्रों को ही पढ़ाया जा रहा था, लेकिन एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में पर्यावरण अध्ययन अनिवार्य करने का आदेश दिया है। यह याचिका एमसी मेहता ने 1991 में दायर की थी। 2003 में इस पर फैसला आ गया था उस समय सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी को सभी कॉलेजों में पर्यावरण की पढ़ाई शुरू कराने को कहा था।
एआईसीटीई ने इसका जो पाठ्यक्रम जारी किया है उसमें सैद्धांतिक पढ़ाई के अलावा फील्ड वर्क भी शामिल किया गया है। यह फील्ड वर्क पांच कालखंड के बराबर होगा। छात्रों को अपने संस्थान के आस-पास के क्षेत्र में घूम कर नदी, जंगल, पहाड़ी आदि का दस्तावेजीकरण करना होगा। इसके अलावा उन्हें शहरी, औद्योगिक और कृषि प्रदूषण को भी प्रत्यक्ष रूप से देखना होगा। इसके अलावा उन्हें वहां पाए जाने वाले पेड़, पौधे, पक्षी, कीट आदि के बारे में भी जानकारी लेना होगी जिससे पर्यावरण के बारे में छात्रों को व्यवहारिक जानकारी हो।
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