इंदौर. कॉलेजों में ऑनलाइन एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाने और प्रक्रिया सरल करने की मांग जोर पकड़ रही है। कॉलेजों ने शासन के उस निर्णय को अव्यावहारिक बताया जिसमें ऑफलाइन प्रवेश के लिए 26 जुलाई तक की समय-सीमा दी गई, जबकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल 20 जून को बंद कर दिया गया। बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग के खिलाफ हर तरफ मोर्चा खुल गया। छात्रों और कॉलेजों का तर्क है कि हजारों छात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं, ताकि उन्हें पसंदीदा कॉलेज में प्रवेश मिल सके। कॉलेजों ने कहा- कोर्ट जाने वालों को मौका दिया जा रहा, जो गलत है ऑनलाइन एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख न बढ़ाए जाने पर सबसे ज्यादा नाराजी उन कॉलेजों को है जो इस प्रक्रिया का पहले दिन से पालन कर रहे हैं। इन कॉलेजों का कहना है जो ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया में शामिल होकर उच्च शिक्षा विभाग की गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं, उनके लिए रजिस्ट्रेशन बंद कर दिए। जबकि शासन के खिलाफ कोर्ट जाने वाले अल्पसंख्यक कॉलेजों को 26 जुलाई तक एडमिशन का मौका दिया जा रहा जो कि गलत है। कॉलेजों की मांग है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की लिंक भी 26 जुलाई तक खोली जाए ताकि हर छात्र को पसंद का कॉलेज मिल सके। चमेली देवी इंस्टिट्यूट के प्रमोद श्रीवास्तव, एलेक्सिया की दीपाली मिश्रा, एनी बेसेंट के मोहित यादव, विशिष्ट के नवीन नारंग, ऑल्टियस के रजनीश खरे, एक्रोपोलिस के मनीष जैन, मालवा इंस्टिट्यूट के एस.एस. रघुवंशी, आईएसबीए के राजन मित्तल आदि ने भास्कर से चर्चा में अपनी बात रखी।
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