प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क स्मार्ट-फोन दिए जाएंगे। यह निर्णय राज्य सरकार ने लिया है, जो कि इस शैक्षणिक सत्र 2014-15 से ही लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत महाविद्यालयों के नव-प्रवेशित लगभग एक लाख 55 हजार विद्यार्थी को स्मार्ट-फोन दिए जाएंगे। विद्यार्थियों को यह सुविधा दुनिया के अन्य विकसित देशों के विद्यार्थियों के समकक्ष लाने और ग्लोबलाइजेशन के इस युग में ई-लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए संचार के विभिन्न माध्यमों से परिचित करवाने के उद्देश्य से दी जा रही है। मध्यप्रदेश के मूल निवासी सभी विद्यार्थी, जो स्नातक प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेश लेंगे, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। इसमें आय-सीमा और जाति का बंधन नहीं है। लाभान्वित विद्यार्थी द्वारा असमय पढ़ाई छोड़ने तथा अध्ययन निरंतर नहीं रखने पर स्मार्ट-फोन वापस ले लिया जाएगा। योजना से दूरस्थ अंचल में स्थित महाविद्यालयों के विद्यार्थी भी लाभान्वित होंगे। इससे सकल मूल्यांकन अनुपात में वृद्धि होगी। विगत दो वर्ष में भारत में स्मार्ट-फोन यूजर्स में लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही उपयोगकर्ताओं द्वारा स्मार्ट-फोन के इस्तेमाल करने के समय में भी 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखी गई है। एक भारतीय उपयोगकर्ता औसत रूप से प्रतिदिन 3 घंटे स्मार्ट-फोन के साथ समय व्यतीत करता है। पच्चीस प्रतिशत उपयोगकर्ता द्वारा प्रतिदिन 100 बार से अधिक स्मार्ट-फोन को चेक किया जाता है। स्मार्ट-फोन के विभिन्न एप्लीकेशंस का उपयोग करने में उपयोगकर्ता का एक तिहाई समय व्यतीत होता है। प्रदेश में नेटवर्किंग कनेक्टिविटी के विस्तार से स्पीड वृद्धि और 2जी, 3जी एवं 4जी के आगमन से मोबाइल कम्प्यूटिंग की दुनिया में परिवर्तन आया है। वाट्सएप व वी-चैट जैसे मोबाइल एप्लीकेशंस ने सामाजिक परिदृश्य में बदलाव करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज की है। मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए स्मार्ट-फोन एक पॉकेट लर्निंग उपकरण के रूप में अपना स्थान बनाने में सफल हुआ है। कार्य-स्थल एवं घरों में वाई-फाई, ब्रॉड-बैण्ड का यथोचित विस्तार न होने के कारण 10 में से 8 लोग स्मार्ट-फोन द्वारा मोबाइल-ब्रॉडबैंड अथवा 2जी, 3जी एवं 4जी का इस्तेमाल करते हैं। इस प्रकार स्मार्ट-फोन के रूप में एक नई पॉकेट टेक्नालॉजी का उपयोग युवाओं द्वारा किया जा रहा है। ऑनलाइन कम्प्यूटिंग की दुनिया में अध्यापन में सहयोग करने के लिए ऐसे स्मार्ट-फोन एप्लीकेशन विकसित हो रहे हैं, जिन पर ऑनलाइन क्विज, रियल-टाइम सम्प्रेषण, ई-रीडर, बुक-स्केन, आवाज सुनकर उसे रिकार्ड कर नोट्स बनाना, वेब-क्लिपिंग को एकत्रित करना, जैसे महत्वपूर्ण कार्य विद्यार्थी अपने मोबाइल पर ही कर सकते हैं। इससे विद्यार्थी पाठ्यक्रम सामग्री खरीदने एवं नोट्स की फोटोकॉपी करवाने से भी बचेंगे।
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