उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल की विश्व प्रसिद्ध भस्मारती भादौ मास के 15 दिन तक प्रतिदिन रात 3 बजे से की जाएगी तथा प्रति सोमवार को रात 2.30 बजे से होगी। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने श्रावण मास में देशभर से उमड़ने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने एवं अधिक लोगों को दर्शन कराने के लिए भस्मारती के समय में बदलाव किया था। श्रावण मास 10 अगस्त रक्षाबंधन पर्व के साथ समाप्त हो जाएगा। 11 अगस्त को प्रतिपदा से भादौ मास लगेगा। मंदिर प्रशासन ने भादौ मास में भी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस व्यवस्था को यथावत रखने का निर्णय लिया है। 25 अगस्त शाही सवारी तक व्यवस्था लागू रहेगी। 26 अगस्त से पुन: भस्मारती नियमित समय तड़के 4 बजे से शुरू होगी। मंदिर प्रशासन ने श्रावण में भस्मारती के दौरान हरिओम का जल चढ़ाने का समय भी 20 मिनट बढ़ाया था ताकि अधिक से अधिक लोग भगवान को जल चढ़ा सके। यह व्यवस्था भी भादौ मास में 25 अगस्त तक लागू रहेगी। भादौमें भी मंदिर प्रशासन को भस्मारती में दर्शन एवं सुरक्षा इंतजाम करने होंगे क्योंकि छुट्टी त्योहारों पर अधिक भीड़ उमड़ेगी। 15 अगस्त को छुट्टी, 17 को रविवार है। 18 अगस्त को जन्माष्टमी की भीड़ के बाद आगे 23-24 अगस्त को शनिवार-रविवार और 25 अगस्त को शाही सवारी सोमवती अमावस्या का दबाव रहेगा।
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