इंदौर. गणेशोत्सव हो या नवरात्रि, ईको फ्रेंडली मूर्ति का ही प्रयोग करें। शास्त्रों में भी मिट्टी से बनी मूर्ति की स्थापना और पूजा का ही महत्व है। गणेशजी की मूर्ति बनाना आसान है। घर में ही गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति बनाकर उस पर वाटर कलर कर सकते हैं। इसका घर में ही विसर्जन भी किया जा सकता है। घर में बनाना संभव नहीं हो तो मिट्टी के गणेशजी की मूर्ति ही खरीदें। कलाकार भी मिट्टी की मूिर्तयां ही बनाएं। बिगड़ते पर्यावरण को देखते हुए यह बहुत जरूरी है। प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति और उन पर लगे हानिकारक रंग ने पर्यावरण को दूषित कर दिया है। अब समय आ गया है कि हम संभलें और पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आएं। यह बात विशेषज्ञों और कलाकारों ने बुधवार को प्रीतमलाल दुआ सभागृह में हुई कार्यशाला में कही। इस बीच मूर्तिकार श्याम खरगोणकर ने 15 मिनट में मिट्टी के गणेशजी भी बनाकर दिखा दिए। कहा- एक बाल्टी पानी में इनका विसर्जन किया जा सकता है। इससे पहले मप्र नियंत्रण बोर्ड द्वारा मूर्ति विसर्जन से होने वाले जल प्रदूषण की रोकथाम एवं प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर हुई कार्यशाला को पर्यावरणविद् डॉ. ओ.पी. जोशी ने भी संबोधित किया।
Leave a Reply