इंदौर. कमला नेहरु प्राणी संग्रहालय का हाथी मोती के बेकाबू होकर उत्पात मचाने के बाद अब वह शांत है। रविवार रात पहले उसने अगले पैरों की जंजीर तोड़ दी थी और फिर गुस्से में अपने ही पिंजरे का शेड उखाड़ दिया था, लेकिन प्रबंधन ने तय किया है कि उसका नया शेड नहीं बनाया जाएगा। तीन माह के भीतर उसका नया जंगल जैसा पिंजरा बनकर तैयार हो जाएगा। उसी में वह हथिनी चंपा के साथ रहेगा। नए पिंजरे का काम तेजी से चल रहा है। बाल-बाल बचा था मोती : जब शेड की चद्दर नीचे गिरी तो मोती एक तरफ खड़ा हो गया था, अन्यथा उसे गंभीर चोट लग सकती थी। गनीमत रही कि तमाम कोशिशों के बाद भी वह पिछले पैर की जंजीर नहीं उखाड़ पाया। अन्यथा उसे संभाल पाना मुश्किल हो जाता। हालांकि बुधवार को उसने मस्ती की और अब शांत है। अब उसका गुस्सा खत्म हो गया है।
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