मप्र में निजी विश्वविद्यालय खोलने जा रहीं प्रतिष्ठित संस्थाओं को राज्य सरकार और मोहलत देने जा रही है। इसके लिए निजी विश्वविद्यालय अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन प्रस्तावित है, जिससे निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए हुए अनुबंध की वैधता समयावधि दो साल और बढ़ जाएगी। इन संस्थाओं में अनिल अंबानी की संस्था धीरूभाई अंबानी ट्रस्ट, सिम्बोइसिस आदि शामिल हैं। अभी यह समयावधि सितंबर में खत्म हो रही है। सरकार के इस कदम से एक तरफ तो प्रतिष्ठित संस्थाओं को लाभ होगा, वहीं ऐसे नामी-गिरामी विवि के आने से प्रदेश के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे। प्रस्तावित अध्यादेश के आने से विश्वविद्यालयों को दो साल का समय और मिलने से वे विश्वविद्यालय परिसर की अधोसंरचना समेत अन्य कार्य कर पाएंगे। सरकार यह फैसला इसलिए भी लेने जा रही है क्योंकि प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने वालों को जारी लैटर ऑफ इंटेंट की अवधि भी सितम्बर में समाप्त हो रही है। यदि समय रहते अध्यादेश लागू नहीं हुआ तो निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने में अड़चनें आ सकती हैं। इसके अलावा अक्टूबर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट भी होना है, उससे पहले अध्यादेश जारी करके सरकार निजी विश्वविद्यालय स्थापित करने वालों को यह तोहफा भी देगी।
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