नरेंद्र मोदी सरकार तंबाकू उत्पादों को लेकर गंभीर होती जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कई मौकों पर तंबाकू उत्पादों के प्रति युवाओं के बढ़ते रुझान को लेकर चिंता जता चुके हैं। यही नहीं, सरकार बजट में बीड़ी-सिगरेट उत्पादों को महंगा कर इसकी बिक्री में कमी लाने के कदम उठा चुकी है। मंत्रालय ने इस संबंध में सुझाव मांगे थे, ताकि युवाओं को इसके गंभीर परिणामों के प्रति जागरूक किया जाए। साथ ही, तंबाकू उत्पादों पर कंट्रोल किया जा सके। सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन सुझावों को स्वीकार किया हैं, उनमें कुछ तो बेहद क्रांतिकारी हैं। धूम्रपान के खिलाफ सरकार के रवैये का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मंत्रालय पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग करते हुए पकड़े जाने पर होने वाली जुर्माना राशि को 200 रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए तक करने के पक्ष में है। इसके अलावा, खुली सिगरेट की बिक्री पर भी पाबंदी लगाई जाएगी। पैनल कमिटी ने तंबाकू सेवन की उम्र 18 से बढ़ाकर 25 करने की भी सिफारिश की है। पैनल कमेटी ने तंबाकू सेवन की उम्र 18 से बढ़ाकर 25 करने की सिफारिश की है। बिक्री केंद्रों पर विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने, स्वास्थ्य से जुड़े चेतावनी संकेतों का आकार बढ़ाकर पैकेजिंग का लगभग 80 फीसदी करने का सुझाव भी दिया है। इसके साथ ही, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को अपराध की श्रेणी में लाया जा सकता है और इसलिए जुर्माने की राशि 200 रुपए से बढ़ाकर 20 हजार रुपए की जा सकती है। एक्सपर्ट का मानना है कि खुली सिगरेट बेचने पर रोक लगाने के सुझाव से मैन्यूफैक्चर्स पर बड़ा असर पड़ेगा, क्योंकि सिगरेट की बिक्री का एक बड़ा हिस्सा एक या दो स्टिक के तौर पर आता है। इसलिए सरकार को खुली सिगरेट बेचने वालों पर शिकंजा कसना पड़ेगा।
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