अब गरबा देखने के लिए पास जरूरी है। दर्शकों के पास जारी नहीं करने वाले आयोजकों को पुलिस कार्यक्रम की मंजूरी नहीं देगी। नियम पुलिस ने लव जेहाद को लेकर हो रहे बयानों के कारण तय किए हैं। इसके चलते 18 नियमों का पालन करने का लिखित में देने वाले ही कार्यक्रम कर सकेंगे। इंदौर में कुछ दिन पहले ही विधायक ऊषा ठाकुर ने आगामी नवदुर्गा समारोह को देखते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि ‘गरबा’ के दौरान समारोह स्थल में कोई मुस्लिम युवक न घुसने पाए। ठाकुर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता मुस्लिम युवकों की समारोह में एंट्री रोकने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में जिम्मा संभालें और आई कार्ड देखने के बाद ही एंट्री दें। बयानबाजी के कारण हो सकते हैं नवरात्रि में इंदौर ही नहीं उज्जैन में भी दर्जनों जगह पर गरबा आयोजन होते हैं। इस बार लव जिहाद को लेकर हो रही बयानबाजी के कारण विवाद की स्थित बन सकती है। इसी को देखते पुलिस ने आयोजकों के लिए 18 नियम बनाए हैं, जिसके तहत गरबे के प्रतिभागियों से लेकर दर्शकों तक बिना पास आयोजन स्थल में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। पास जारी करने वाले आयोजकों को ही पुलिस कार्यक्रम की अनुमति देगी। वहीं तय नियमों का पालन नहीं करने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी। 25 सितंबर से नवरात्रि शुरू होगी, इसमें नौ दिनों तक कई स्थानों पर गरबे के आयोजन होना है।
यह है मुख्य नियम : – पहले विवाद करने वाले मंडलों को अनुमति नहीं। आपराधिक रिकार्ड वालों को आयोजन की अनुमति नहीं। अविवादित जगह पर कार्यक्रम हो। विद्युत कनेक्शन जरूरी। गरबा स्थल कवर्ड हो। आयोजन से जुड़े सदस्य, गरबे के प्रतिभागी और दर्शकों के अलग-अलग कलर के पास हों। आयोजक पास चैक कर कार्यक्रम में प्रवेश दें। किसी भी प्रकार का विवाद होने पर आयोजक जिम्मेदार।
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