नवरात्रि इस बार आठ दिनों की है, नौवें दिन दशहरा रहेगा। पंडितों के अनुसार 25 सितंबर को हस्त नक्षत्र, ब्रह्म योग में घटस्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत हुई। इसके बाद आठ दिन तक सर्वार्थसिद्धि, आयुष्मान, सौभाग्य, ब्रह्म, शोभन और गजकेसरी योग जैसे दुर्लभ संयोग में नवरात्रि मनेगी। पंडितों के अनुसार यह सब योग श्रेष्ठ हैं। नवरात्रि में देवी का आशीर्वाद तो मिलेगा ही खरीदारी भी श्रेष्ठ है। 3 अक्टूबर को नवमी युक्त दशहरा मनेगा। किस दिन, कौन-सा संयोग, 25 सितंबर (प्रतिपदा) : ब्रह्म योग, हस्त नक्षत्र। 26 सितंबर (द्वितीया) : गजकेसरी योग। 27 सितंबर (तृतीया) : सर्वार्थसिद्धि।, 28 सितंबर (चतुर्थी) : गजकेसरी। विनायक चतुर्थी। 29 सितंबर (पंचमी) : ललिता पंचमी, सर्वार्थसिद्धि। 30 सितंबर (षष्ठी) : आयुष्मान। 1 अक्टूबर (सप्तमी) : सौभाग्य। 2 अक्टूबर (महाष्टमी-महानवमी) : शोभन । 3 अक्टूबर (महानवमी-दशहरा) : सर्वार्थसिद्धि। अबूझ मुहूर्त। महाष्टमी-महानवमी पर दुर्लभ संयोग भी । पं. किशोर जोशी के अनुसार 2 अक्टूबर को महाष्टमी दोपहर 12.07 बजे तक है। यह मूल नक्षत्र युक्त है। साथ में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र भी है। इसके बाद महानवमी शुरू होगी। महागौरी-सिद्धि दात्री का एकसाथ पूजन होगा। रात 9.52 बजे उत्तराषाढ़ा नक्षत्र भी शुरू हो जाएगा। इस तरह से इन तीनों में महाष्टमी-महानवमी का पूजन होगा, यह त्रैलोक्य दुर्लभ संयोग बन रहा है।
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