देश के करीब एक लाख स्कूलों में बने ईको क्लब के छात्र-छात्राओं के लिए अब अलग से एक नेशनल ग्रीन कोर पोर्टल (एनजीसीपी) होगा। इसमें बच्चे अपनी कविताएं, रचनाएं, पेंटिंग, गाने के वीडियो, लेख और वन एवं पर्यावरण से जुड़े फोटो अपलोड कर सकेंगे और वन संपदा की अहमियत को समझ सकेंगे। इसके लिए मप्र के वन विभाग ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसकी टेस्टिंग केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पोर्टल से जुड़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं का डाटा (मोबाइल नंबर के साथ) केंद्र सरकार के सर्वर पर होगा, ताकि जरूरत पड़ने पर एक साथ बच्चों से संपर्क किया जा सके। राष्ट्रीय आपदा की स्थिति में एसएमएस भेजकर उनका बतौर वॉलंटियर उपयोग किया जा सके। प्रदेश के एक लाख स्कूलों में चल रहे ईको क्लब में हर क्लब में करीब 25 सदस्य हैं। इस हिसाब से केंद्र सरकार के पास 25 लाख बच्चों का डाटा एकत्रित होगा। टेस्टिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पोर्टल का उदघाटन कर सकते हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनिल ओबेराय ने बताया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर प्रदेश के वन विभाग ने 15 लाख रुपए की लागत से यह सॉफ्टवेयर बनाया है। मप्र में इस सॉफ्टवेयर के संचालन के लिए एप्को को नोडल एजेंसी बनाया गया है। पोर्टल पर सक्रियता के आधार पर स्कूलों में मौजूद ईको क्लब की रेटिंग होगी। अव्वल रहने वाले स्कूलों के बच्चों को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाएगा।
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