खेलविभाग राष्ट्रीय खिलाड़ी बनाने के लिए विभिन्न खेलों की एकेडमी बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके चलते जिस जिलों की पहचान जिस खेल के रूप में होती है, वहां उसी खेल की एकेडमी बनेगी। इसीलिए उज्जैन में मलखंब जिमनास्टिक एकेडमी पर मुहर लगी है। वहीं एथलीट, स्वीमिंग, फुटबाॅल साइकिल पोलों एकेडमी के लिए जगह चयनित की जा रही है। प्रदेश के खिलाड़ियों को अब सरकारी ऑफिसों में बाबूगिरी नहीं करना पड़ेगी। खेल विभाग राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को कोच बनाने की योजना बना रहा है। वहीं नेशनल खिलाड़ी तैयार करने के लिए कई जिलों में एकेडमी खोलने की तैयारी भी शुरू हो गई है। किसी भी खेल में राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त खिलाड़ियों की कोटे में सरकारी विभागों में नौकरी लग जाती है लेकिन उनके काम का खेल से सरोकार नहीं होने पर खिलाड़ी बाबू बनकर रह जाते हंै। इससे उसका खेल भी खत्म होते जाता है और किसी को लाभ भी नहीं मिल पाता। यही वजह है कि प्रदेश का खेल एवं युवा कल्याण विभाग खिलाड़ियों को उनके पारंगत खेलों में कोच की नौकरी देने की योजना बना रहा है, जिसके चलते अब नेशनल अवार्ड प्राप्त करने पर खिलाड़ी खेल भी जारी रख सकेंगे और दूसरों के भविष्य के लिए प्रदेश से खिलाड़ी तैयार कर सकेंगे।
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