भोपाल. प्रदेश में अब इंजीनियरिंग और प्रोफेशनल कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों की रैंकिंग की जाएगी। वहां पढ़ाई, इंफ्रास्ट्रक्चर, फेकल्टी, प्लेसमेंट और रिजल्ट के आधार पर टॉप-50 और टॉप-100 कॉलेज चुने जाएंगे। तकनीकी शिक्षा विभाग (डीटीई) ने मप्र में पहली बार ऐसी व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। विभाग ने अपने पोर्टल पर छात्रों को कॉलेजों की पूरी जानकारी देने सहित प्रत्येक कोर्स के कॅरियर ऑप्शंस बताने का भी फैसला किया है। पोर्टल पर यह व्यवस्था ऑनलाइन काउंसलिंग शुरू होने से पहले कर दी जाएगी। तकनीकी शिक्षा विभाग और निजी कॉलेज संचालकों के बीच हाल में हुई बैठक में यह निर्णय लिए गए थे। इन्हें राज्य शासन की अनुमति मिलना बाकी है। रैंकिंग का आधार अलग-अलग कोर्स की पढ़ाई को बनाया जाएगा। रैंकिंग प्रक्रिया वैसे ही होगी, जैसे राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं द्वारा देशभर के कॉलेजों के लिए अपनाई जाती है। फिलहाल यह तय होना है कि रैंकिंग देने का काम तकनीकी शिक्षा विभाग करेगा या इसके लिए किसी एजेंसी की मदद ली जाएगी। अभी यह निर्णय भी होना है कि रैंकिंग प्रक्रिया में सरकारी कॉलेजों को शामिल किया जाएगा, या नहीं। विभाग द्वारा बीई, बीआर्क, बीफार्मेसी, डीफार्मेसी, होटल मैनेजमेंट, एमबीए, एमसीए, एमटेक आदि कोर्स के लिए यह रैकिंग की जाएगी। अधिकारियाें केे मुताबिक प्रदेश में अब तक एेसी रैकिंग नहीं होती है। इससे कई बार छात्रों के सामने सही कोर्स और कॉलेज का चयन करने की दुविधा रहती है। रैंकिंग होने पर छात्रों को सही जानकारी मिलेगी कि किस कॉलेज का रिकाॅर्ड कैसा है? विभागीय सूत्रों के अनुसार रैंक तैयार करते समय सारी प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जाएगा। हालांकि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मोहन सेन ने शासन की मंजूरी के बाद ही इस योजना पर काम शुरू करने की बात कही है।
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