देवीअहिल्या यूनिवर्सिटी द्वारा यूजीसी को भेजे गए पोटेंशियल फॉर एक्सीलेंट के प्रस्ताव को लेकर 19 जनवरी को प्रेजेंटेशन होगा। इसमें डीएवीवी प्रबंधन को पास होना जरूरी है। यह उसके लिए परीक्षा की तरह है। वैसे तो डीएवीवी के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलना तय है। काफी कुछ प्रेजेंटेशन पर भी निर्भर करेगा।
खास बात यह कि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही प्रबंधन को सीधे 75 करोड़ रुपए की ग्रांट मिल जाएगी। इसमें से आधी राशि का उपयोग प्रबंधन रिसर्च के लिए करेगा। आधी राशि से वह नए भवन, कम्प्यूटर और ऑनलाइन क्लासरूम आदि पर काम करेगा। खास बात यह है कि पूरे मध्यभारत में केवल डीएवीवी को ही यह दर्जा मिलना तय है। कुलपति डॉ. डी.पी. सिंह का कहना है कि हमारी तैयारी पूरी है। 19 को बेहतरीन प्रेजेंटेशन देंगे, ताकि दर्जा मिलने के साथ ही ग्रांट की राह भी खुल जाए। यही वजह है कि संडे को छुट्टी के बाद भी इसकी तैयारी में प्रबंधन जुटा हुआ था। दरअसल अभी तक इस दर्जे को प्राप्त करने के लिए डीएवीवी को दो अलग-अलग चरण में अपना दावा जताने का मौका मिला, जिसमें वह पास हो गया। यह आखिरी और महत्वपूर्ण चरण है। इस प्रेजेंटेशन के बाद दर्जा मिलना लगभग तय हो जाएगा।
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