
इंदौर. शहर में लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए दो साल से चल रही कवायद के बाद डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए मेट्रो के रूट पर कहां-कितनी बाधाएं हैं, उन्हें हटाने में कितना समय और संसाधन लगेंगे, इसकी पड़ताल हो रही है। मेट्रो के प्रस्तावित चारों कॉरिडोर पर ट्रैक के आसपास 500 मीटर तक भविष्य में निर्माण न हों, इसके लिए बिना जांच और मंजूरी के काम करने पर रोक लगा दी गई है।
यह फैसला सोमवार को कलेक्टर आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। नगरीय प्रशासन विभाग के ओएसडी कमल नागर, कंसल्टेंट रोहित गुप्ता, निगमायुक्त, आईडीए सीईओ और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा हुई। कंपनी ने स्टेशन व चार डिपो के लिए जमीन मांगी। प्रेजेंटेशन भी दिया। तय हुआ कि मेट्रो के रूट में आने वाली पानी, सीवरेज, ड्रेनेज व गैस की लाइन, केबल आदि की जानकारी के लिए सीमांकन किया जाएगा। संबंधित विभागों से 15 जनवरी तक रिपोर्ट देने को कहा है।
8 जनवरी से अफसर घूमेंगे रूट पर
अफसर 8 जनवरी से कंसल्टेंट के साथ कॉरिडोर के रूट पर घूमेंगे। निगम, आईडीए, पीडब्ल्यूडी, बीएसएनएल, अवंतिका गैस सहित अन्य एजेंसियों से कहा है कि कॉरिडोर पर नया काम नहीं करना है। होगा भी तो सर्वे एजेंसी या नगरीय प्रशासन विभाग की एनओसी के बाद।
पेड़ और निजी-सरकारी जमीनों की जानकारी भी मांगी
विभाग ने डीपीआर के लिए पूछा है कि इन रूट्स पर कितने पेड़ हैं, जिन्हें शिफ्ट करना या हटाना होगा। डिपो के लिए बल्क में दो हजार एकड़ और कॉरिडोर के दोनों ओर 500 मीटर तक खाली जमीन हो तो उसकी जानकारी भी मांगी है। बड़ी निजी संस्थाओं को जमीन दी गई है और वहां निर्माण नहीं हुआ है तो उसकी जानकारी भी देने को कहा है।
प्रस्तावित चार रूट
रूट-1 : सुपर कॉरिडोर पर भौंरासला चौराहा से कलेक्टोरेट। यहां से एक रूट चोइथराम चौराहा तो दूसरा छोटा रूट भंवरकुआं चौराहा होते हुए खंडवा रोड की ओर जाएगा।
रूट-2 : सरवटे बस स्टैंड से राजेंद्र नगर तक।
रूट-3 : गांधी नगर/बड़ा बांगड़दा से बंगाली चौराहा। एक शाखा विजय नगर तक।
रूट-4 : सुपर कॉरिडोर पर कुमेड़ी, चंद्रगुप्त चौराहा से तीन इमली चौराहा, पालदा तक।
Leave a Reply