
इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी मूल्यांकन केंद्र की गंभीर चूक के कारण एक छात्रा का भविष्य संकट में पड़ गया है। छात्रा ने सालभर से ज्यादा समय पहले एमए की एटीकेटी की परीक्षा दी थी। कायदे से दो माह के भीतर रिजल्ट घोषित हो जाना था, लेकिन चार माह तक भी नहीं आया। जब छात्रा यूनिवर्सिटी पहुंची तो उसे टालते रहे।
लगभग सालभर तक एमए सेकंड ईयर की यह छात्रा ऐसे ही चक्कर काटती रही। आखिर उसने कुलपति और कुलसचिव से शिकायत की। तब रिजल्ट नहीं आने के कारणों की खोज शुरू हुई। पता चला कि मूल्यांकन केंद्र ने छात्रा की कॉपी ही गुमा दी। इसलिए छात्रा को सच बताने के बजाय लगातार उसे लौटाया जा रहा था। अब यूनिवर्सिटी पूरा मामला परीक्षा कमेटी में रखेगी।
हर बार नया बहाना बनाकर लौटाया
छात्रा के अनुसार वह लगभग 25 बार डीएवीवी पहुंची। हर बार जिम्मेदारों ने नया बहाना बनाकर उसे लौटा दिया। परचा होने के करीब छह माह तक तो छात्रा से यही कहा जाता रहा कि रिजल्ट घोषित नहीं हुआ है, जबकि रिजल्ट उसके तीन माह पहले ही आ चुका था। छात्रा इस बीच मूल्यांकन केंद्र भी गई लेकिन वहां से भी उसे गलत जानकारी देकर लौटाया गया। अब यूनिवर्सिटी प्रबंधन का कहना है कि वह इस मामले में मूल्यांकन केंद्र से जवाब मांगेगा।
कैसे घोषित होगा अब रिजल्ट?
अब परीक्षा कमेटी की बैठक होगी। इसमें छात्रा की पिछली परीक्षा के आधार पर औसत अंक निकाले जाएंगे। उसी को आधार बनाकर छात्रा को एटीकेटी के रिजल्ट में अंक दिए जाएंगे। हालांकि इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं लेकिन तब डीएवीवी ने संबंधित विद्यार्थी को गलत जानकारी देने के बजाय तत्काल समस्या का हल निकाला।
सप्ताहभर में घोषित करवाएंगे रिजल्ट
छात्रा का मामला जैसी ही सामने आया, तत्काल वस्तुस्थिति पता की। अब परीक्षा कमेटी में मामला रख सप्ताहभर में ही रिजल्ट घोषित करवाएंगे। मूल्यांकन केंद्र पर किस स्तर पर गलती हुई यह भी पता कर रहे हैं।
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