
इंदौर. आईआईटी इंदौर के स्टूडेंट गौरव अग्रवाल को वर्चुअल वर्ल्ड की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक गुगल ने हाल ही में 1.70 करोड़ सालाना पैकेज का ऑफर दिया है। मूलरूप से भिलाई के रहने वाले गौरव को मिला पैकेज इस साल का आईआईटी का तीसरा सबसे बड़ा पैकेज है। गौरव के दोस्त और परिजन उन्हें एक शर्मीला, लेकिन शार्प लड़का कहते हैं। हाल ही गौरव को ऑफर लेटर मिला है, लेकिन अपनी इस उपलब्धि का जश्न गौरव अपने परिवार के साथ नहीं मना पाए थे क्योंकि वे कोयम्बटूर में कम्प्युटर प्रोग्रामिंग की इंटरनेशनल कांटेस्ट ICPC के नेशनल राउंड में शामिल होने गए थे। भास्कर डॉॅट काॅम ने गौरव से बात करके जाना कि कैसे एक शर्मीला लड़का गुगल के हाइली पेड़ साफ्टवेयर इंजीनियर्स में से एक बना और कैसे साफ्टवेयर इंजीनियर पा सकते हैं मनचाही कंपनी में मनचाहा जॉॅब…।
चैम्पियन बनना है तो स्कूल से शुरू करें तैयारी : दुर्ग के डीपीएस से अपनी स्कूलिंग करने वाले गौरव बताते हैं कि आपको पता होना चाहिए कि आप क्या करना चाहते हैं। स्कूल लाइफ से गौरव के मन में कम्प्यूटर्स के लिए दीवानगी थी, उन्हें यह पता था कि उन्हें सिर्फ और सिर्फ कम्प्युटर साइंस में ही कुछ करना है। लेकिन गौरव ने स्कूल स्टडी को नजरअंदाज नहीं किया। वो कहते हैं कि यदि आप कम्प्युटर साइंस में आना चाहते हैं तो आपको स्कूल से ही फोकस स्टडी शुरू कर साइंस और मैथ्स पर बेस्ड एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करना चाहिए। गौरव स्कूल लाइफ से ही साइंस और मैथ्स ओलंपियाड में भाग लेने लगे थे। आईआईटी में आकर भी उन्होंने इसे जारी रखा। पिछले साल ही गौरव ने आईआईटी इंदौर की टीम के मेंबर के रूप में रूस में हुई ICPC के ग्लोबल कांटेस्ट में भाग लिया था। इसमें पूरी दुनिया की 122 टीम आई थी। जिसमें उनकी टीम को विश्व में 19 वां स्थान मिला था। गौरव के मुताबिक स्कूल से ही इस तरह की कांटेस्ट में भाग लेने से कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है और चैलेंज एक्सेप्ट करने की आदत भी पड़ती है।
सिलेबस को नज़र अंदाज ना करें : आप चाहे आईआईटी में हों या देश के किसी दूसरे संस्थान में, आप सबसे पहले अपने सिलेबस को फालो करें। सिलेबस को नज़र अंदाज कर दूसरी स्टडी करने से बेहतर है कि सिलेबस को फालो करके एक्स्ट्रा स्टडी की जाए।
स्ट्रेटजी बनाए : सिलीकॉन वेली में गुगल जैसी कंपनी के साथ काम करना गौरव का सपना था। अगले साल मई में वह गुगल के कैलिफोर्निया वैली ऑफिस को ज्वाइन करेंगे। सिलिकॉन वैली में गुगल जैसी कंपनी के साथ काम करने के सपने को पूरा करने के लिए गौरव ने स्ट्रेटजी के साथ तैयारी शुरू की थी। उनके मुताबिक बतौर साफ्टवेयर इंजीनियर आप जिस कंपनी में या जिन कंपनियों में काम करना चाहते हैं आपको उनके मूल काम के बारे में जानकारी जुटाना चाहिए।
टारगेट कंपनी को फोकस करें : गौरव ने बताया कि गुगल के लिए आनॅलाइन टेस्ट देने के पहले उन्होंने गुगल के वर्क एनवायरमेंट और वर्किंग प्रोसेस के बारे में जानकारी जुटाई और फाइनल इंटरव्यू के पहले उन्होंने प्रोग्रामिंग की फिल्ड के दूसरे संस्थान के स्टूडेंट्स और फैकल्टीज के साथ लगातार संपर्क में रहा और कई मुद्दों पर डी-बेट भी किया। उनकी तैयारी पूरी थी, इसलिए उन्हें सलेक्शन का भरोसा था।
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