
इंदौर। शहर में लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने में आने वाली बाधाओं को लेकर शुक्रवार को बैठक हुई। नगरीय प्रशासन विभाग के ओएसडी, कंसल्टेंट और स्थानीय अफसरों ने दो घंटे तक स्क्रीन पर रूट समझा। इसके बाद ट्रेन के संभावित रूट का तीन घंटे से ज्यादा समय तक दौरा किया। इसमें देखा कि कॉरिडोर पर कहां परेशानी आएगी? कहां आसानी से ट्रैक डाला जा सकेगा? ओएसडी कमल नागर के साथ कंसल्टेंट रोहित गुप्ता, निगम के सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह, हंसकुमार जैन, सुनील थॉमस, बीएसएनएल, रिलायंस फोर-जी, बिजली कंपनी, पीडब्ल्यूडी के अफसर रूट देखने के लिए कलेक्टोरेट से बस में बैठे। टीम नौलखा, बंगाली, पलासिया, एमआर-10, सुखलिया, सुपर कॉरिडोर, रेलवे स्टेशन, सरवटे बस स्टैंड भी पहुंची और मौके की बाधाएं देखीं। अगले दो-तीन दिन तक यह प्रक्रिया चलेगी। नागर ने बताया इंदौर में करीब 95 किमी लंबा ट्रैक बिछाया जाना है। मेट्रो ट्रेन लगभग 75 फीसदी हिस्से में एलिवेटेड, 10 से 15 प्रतिशत में अंडर ग्राउंड और पांच से 10 फीसदी हिस्से में सड़क पर दौड़ेगी।
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