इंदौर. देवी अहिल्या विश्व विद्यालय में गुरुवार को कला, संस्कृति, प्रतिभा, उत्साह और ऊर्जा के रंग में सराबोर नज़र आया। मौक़ा था पांच दिवसीय राष्ट्रीय युवा उत्सव के शुभारंभ का। सांस्कृतिक रैली के साथ शुरू हुए इस युवा उत्सव में पूरे देश की झलक दिखाई दी। कश्मीर से कन्याकुमारी और कटक से कोलकाता तक के विद्यार्थियों ने अपनी पारंपरिक वेश भूषा, गीत-संगीत और नृत्य से तक्षशिला परिसर को उत्सवी माहौल में रंग दिया। सांस्कृतिक रैली के बाद औपचारिक शुभारंभ समारोह हुआ। इस युवा उत्सव में देश के 70 से ज़्यादा विश्व विद्यालयों के लगभग नौ सौ प्रतिभाशाली विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। सांस्कृतिक रैली में इनमें से हरेक विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं अपने अलग रंग में नज़र आए। गुरुनानक विश्वविद्यालय अमृतसर के विद्यार्थी केशरिया पगड़ी में भांगड़ा करते हुए चल रहे थे, तो मणिपुर विश्वविद्यालय की छात्राएं मणिपुरी नृत्य की छटाएं बिखेर रही थीं। शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्र अपने चेहरों को रंगकर कथकली की मुद्राएं दिखा रहे थे। हालांकि युवा उत्सव के नियमों के अनुसार रैली में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए भी पुरस्कार दिए जाते हैं, मगर यहां किसी को इनाम की परवाह नहीं थी। सब अपनी-अपनी मस्ती में मस्त थे और यही युवा उत्सव की पहचान भी है। रैली में शामिल युवाओं पर विश्वविद्यालय की तरफ से कुलपति डाॅ. डी.पी. सिंह, रजिस्ट्रार, आर.डी मूसलगांवकर, युवा उत्सव के प्रभारी डाॅ. ए.के सिंह, डाॅ. चंदन गुप्ता, डाॅ. माया इंगले ने फूल बरसाकर स्वागत किया। दोपहर से ही शुरू हो गया था तैयारियों का सिलसिला : सुबह रजिस्ट्रेशन के बाद विद्यार्थी रैली के तैयारी में लग गए थे। ज़्यादातर लोग रैली के लिए होस्टल से तैयार होकर ही आए थे, बाकि जिसे जहां जगह मिली उसने वहां तैयारी शुरू कर दी। आईएमएस से निकली रैली विश्वविद्यालय के सभाग्रह में जाकर ख़त्म हुई, जहां शुभारंभ समारोह हुआ।
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