इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ कॉमर्स को अब एक भी नया कोर्स नहीं मिलेगा। बल्कि कुछ पुराने कोर्स भी बंद होने का संकट है। यह हालत इसलिए बनी है क्योंकि यहां टीचिंग के 13 स्वीकृत पदों को इस साल भी मंजूरी नहीं मिल पाई है। जबकि लगभग आठ साल पहले जब विभाग शुरू हुआ था, तब कहा गया था कि 2011 में स्थायी फैकल्टी की नियुक्ति हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। फिर दावा किया गया था कि हर हाल में 2014 में सारे पद स्वीकृत करवाकर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। विभाग में एक प्रोफेसर, दो एसोसिएटस प्रोफेसर और 10 लेक्चरर के पद खाली हैं। यहां एक भी स्थायी फैकल्टी नहीं है। इसलिए यूजीसी की तरफ से किसी भी कोर्स को अब मंजूरी नहीं दी जाएगी। जबकि कॉलेज इसी साल दो कोर्स आरंभ करना चाहता था। दरअसल नेक भी साफ कह चुका है कि कॉमर्स जैसे महत्वपूर्ण विभाग में एक भी स्थायी फैकल्टी न होना आश्चर्य की बात है। चौंकाने वाली बात यह है कि 2008 में भी नेक ने इस विभाग के लिए स्थायी फैकल्टी नियुक्त करने को कहा था। और जब वह 2014 में फिर दौरे पर आई तब भी वही बात कही। लेकिन प्रबंधन इस मामले में प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ा पाया है।
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