इंदौर. स्वाइन फ्लू और अन्य बीमारियों की जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब बनाने का रास्ता साफ हाे गया है। राज्य सरकार ने दो साल से अटका एमओयू साइन कर इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) दिल्ली को भेज दिया है। काउंसिल की टीम चयनित जगह का मुआयना करेगी। संभावना है कि इसके बाद एक साल में लैब बनकर यहां जांचें होने लगेंगी। लैब में इबोला की भी जांच हो सकेगी। इस साल इंदौर में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मरीज मिलने के बाद यहां लेबोरेटरी बनाने की मांग लगातार उठी। इसे लेकर हाई कोर्ट ने भी आदेश दिया था। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने काम की रफ्तार बढ़ाई। हालांकि आईसीएमआर ने दो साल पहले ही मेडिकल कॉलेज में लैब बनाने को मंजूरी दे दी थी। मामला आईसीएमआर और राज्य सरकार के बीच एमओयू पर अटका था। आखिरकार बुधवार को सरकार ने प्रस्ताव दिल्ली भेज दिया। चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. एस.एस. कुशवाह ने उम्मीद जताई है कि एक साल में लैब बन जाएगी। लैब के लिए संसाधन जुटाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। मेडिकल कॉलेज प्रशासन को 260 वर्ग मीटर जगह उपलब्ध करवाना होगी, जबकि एमसीएमआर टेक्नीकल ऑफिसर और दो टेक्नीशियन उपलब्ध करवाएगी। प्रोजेक्ट की लागत 6.50 करोड़ रुपए है। लैब के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पास बन रही नई बिल्डिंग का चयन किया है।
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