इंदौर। किसी मरीज को मुंह का कैंसर है या नहीं इस बात की जांच के लिए अभी डाक्टर बायोप्सी का सहारा लेते हैं, मगर अब डाक्टर्स को कैंसर की जांच के लिए लेबोरेट्रीज के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। अब डाक्टर खुद एक छोटी सी मशीन से मुख कैंसर की जांच कर सकेंगे और तुरंत उन्हे ये भी पता चल जाएगा कि मरीज को कैंसर है या नहीं।
ये संभव हो सकेगा इन्दौर के राजा रमन्ना सेंटर फाॅर एडवांस टेक्नोलोजी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सोवन मजूमदार द्वारा विकसित एक नई मशीन की बदौलत। उन्होंने मुंह के कैंसर की जांच के लिए लेजर टेक्नोलोजी पर आधारित एक नई तकनीक विकसित की है। जिससे तुरंत ये पता लगया जा सकता है कि मरीज को कैंसर है या नहीं। उन्होंने इंदौर में पिछले दिनों आयोजित फेम्डेंट शो में इस तकनीक का प्रदर्शन किया।
स्कूल बेग में आ सकती है कैंसर डिटेक्शन मशीन
अब तक मुंह कैंसर जांचने की मशीन एक बडे फ्रीज के आकार की होती थी और उसका इस्तेमाल भी काफी मुश्किल होता था। मगर एलईडी तकनीक से विकसित ये मशीन इतनी छोटी है कि इसे बच्चों के स्कूल बेग में भी रखा जा सकता है। किसी भी लेपटाप के यूएसबी केबल से जोड़कर इसे चालू किया जा सकता है। इसके आगे के हिस्से में एक पेन के टाप जितना बड़ी डिवाइस है। इस डिवाइस से मरीज के मुंह में लेजर लाइट डाली जाती है। इस लाइट को उसके मुंह के टिश्यू किस तरह से रिफ्लेक्ट करते है या ग्रहण करते हैं इसके आधार पर कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
बच सकती है हज़ारों ज़िन्दगियां
मुंह के कैंसर के सबसे ज़्यादा मरीज भारत में हैं। भारत में हर साल लगभग 50 हज़ार लोग इस जानलेवा बीमारी के शिकार होकर दम तोड़ देते हैं। ऐसे में डा. मजूमदार की ये मशीन काफी उपयोगी साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस मशीन से पहली स्टेज के कैंसर की पहचान करने के डाटाज एनेलाइज किए जा रहे हैं। कुछ समय बाद ये काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद पूरे देश का चिकित्सा जगत इसका उपयोग कर सकेगा। अभी इन्दौर केंसर फाउंडेशन में रिसर्च के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
थोडी से ट्रेनिंग के बाद डाक्टर्स कर सकेंगे जांच
डा. मजूमदार ने बताया कि इससे कैंसर की जांच करने के लिए बहुत विशेष तकनीकी योग्यता की ज़रुरत नहीं है। इसका उपयोग इतना आसान है कि कुछ घंटों की ट्रेनिंग के बाद कोई भी व्यक्ति इसके माध्यम से कैंसर की जांच कर सकता है।
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